hindi kahaniya for kids
प्रेमचन्द और जयशंकर प्रसाद के यथार्थ और आदर्श की दिशा से बिल्कुल हटकर मानव मन
ब्राह्मण, चोर और दानव : पंचतंत्र की कहानी
गर्मी के दिन थे। बादशाह ने उसी फाल्गुन में सलीमा से नई शादी की थी। सल्तनत के सब झंझटों से दूर रहकर नई दुलहिन के साथ प्रेम और आनन्द की कलोलें करने, वह सलीमा को लेकर कश्मीर के दौलतख़ाने में चले आए थे। रात दूध में नहा रही थी। दूर के पहाड़ों की चोटियाँ चतुरसेन शास्त्री
इन कहानियों में ऐतिहासिक तथ्यों को भी उजागर किया जाता है। ये ही कहानियाँ
मैं बरामदे में टहल रहा था। इतने में मैंने देखा कि विमला दासी अपने आँचल के नीचे एक प्रदीप लेकर बड़ी भाभी के कमरे की ओर जा रही है। मैंने पूछा—क्यों री!
से मुंशी प्रेमचन्द की भाषा तत्कालीन समाज की बोल चाल की भाषा है। जिसे हम लोक
थे। गरीबों और बेबसों के महत्व के प्रचारक थे। (हिन्दी साहित्य: उद्भव और विकास
भाववादी मनोवैज्ञानिक परम्परा से। इसलिए इन्हें इतिहासकारों ने प्रगतिवादी और
उत्पन्न उलझनों का विश्लेषण करने वाले इनकी कहानी जहाँ लोक प्रिय और सर्वग्राह्य
रहे। हिन्दी कहानी के विकास में मात्र इन आन्दोलनों की महत्वपूर्ण भूमिका नहीं रही
इस युग के अन्य कहानिकारों की कहानियों में कम मिलती हैं। इनकी प्रसिद्ध कहानियों
के आठ कहानी संग्रहों में इनकी सभी कहानियाँ संग्रहित हैं।
हिन्दी कहानी का उद्भव व विकास प्रस्तावना
है। क्योंकि आज का कहानीकार कहानी की घटना को मानव के यथार्थ जीवन से जोड़ता कहानी